ज़िंदगी के इस शाम में, मैं ढूंडू एक नयी सवेरा,
इस चाह में जी रहा, कोई बन जाए अपना मेरा,
सवार दे ये तनहा जीवन, अपना बन पास आ,
अपने दिल में छिपा मुझे, जीवन की राह दिखा,
आएगी अब एक नयी सवेरा, हो उसका और मेरा,
संग साथ चलेंगे जीवन पथ पे, बनके सिर्फ़ तेरा,
तेरी हर ख़ुशी हो या ग़म, अब जी लेंगे संग,
तेरी पूजा करूँ जो मैं, अब होगी नयीं सवेरा.
कुणाल कुमार