मेरी ये हँसी, अप्रतिम, अनोखा, अलबेला,
साथ निभाए जीवन संग, हो अपनी ही बेला,
रहे संग जो मेरे, कभी ना छोड़े मुझे अकेला ,
हँसी से मेरी दोस्ती, प्रगाढ़ मधुर अमी अनूठा.
अन्दाज़ मेरा निराला, हँसता रहा जी भर ,
सभी को दिया , ये ख़ुशियाँ से भरी पल,
दुख दर्द सब भूल, हँसने की संज्ञा लागी,
दूर मेरे से हँसी, होगी जब जीवन विगम.
कुणाल कुमार