इडली या डोसा

संध्या की वेला, मुझे भूख लगी ज़बरदस्त,
समझ नहीं आता, खाऊ इडली या डोसा

गोल गोल इडली, देख मेरा मन ललचाया,
साथ में साम्भर और चटनी भी ले आया

इधर देखूँ , डोसा मायूस नज़र आया,
उसे जो लगा, उसे कोई भी नहीं खाया

मायूस डोसा का दर्द सह ना पाया,
बड़े चाव से उसे माँग कर मैं खाया

पेट मैं हुई गुड गुड, हज़म ना कर पाया,
मैं ये सोचूँ, दोनो साथ मैं क्यों खाया

इडली या डोसा ने मिल मज़ा चखाया,
पेटू बना मैं, बड़ा पछताया.. बड़ा पछताया

कुणाल कुमार

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