कहते है ज़िंदगी के कुछ पल, याद रह जाते है,
वक्त के साथ दिल में लगे, हर घाव भर जाते है,
कुछ खट्टे कुछ मीठे, सिर्फ़ एहसास रह जाते है,
कुछ पल सदा मेरे साथ, मेरे पास रह जाते है,
वो यादें कभी मुझे हँसाये, कभी मुझे रुलाए,
दिल में बसे अरमान, बस याद बन रह जाते है,
कुछ एहसास बनी क़समें, जो ली मैंने ठान,
अब फिर कभी ना होने दे, दोबारा इसे जान,
पहली ज़ख़्म जो दिया तुमने, मुझे ग़लत बता,
मेरा दिल तोड़ कर बोला, ये जो है गंदी बात,
खाई क़सम जो मैंने, भूल कर भी किसी को,
अपना ना समझ कभी, ये सब है गंदी बात,
दूसरी क़सम जो खाई मैंने, ना कोशिश करूँ फिर कभी,
पत्थर दिल में प्यार भरी, फूल ना खिला सकूँ मैं कभी,
तीसरी क़सम है वो ज़ख़्म, को दिया तुमने अभी,
किसी को अब मैं कभी सच्चा प्यार कारु नहीं.
कुणाल कुमार