काम करूँ दिल लगा, मेरी कर्तव्य को देती परिणाम,
एक प्यारी सी जगह है ये, कहते है इसको दफ़्तर महान,
मेरा दफ़्तर स्वर्ग समान, रखे ख़्याल सभी का यह,
पर है यहाँ पे कुछ लोग, करते सदा अपने मन की,
करने को काम बहुत, फिर भी काम नहीं करते ये लोग,
अपना अपना क़िस्सा गाते, कमचोरि के बने मिसाल,
मैं मैं करते सारे लोग, ना कभी सोचे होने को एक,
एकजुटता की ताक़त भूल, अपना अपना करते लोग,
भूल बैठे एकता की ताक़त, अनेक बनकर रहते लोग,
सर्कस सा माहौल बना, हंश कर देखो ये जोकर लोग,
जब सब होकर करे कोई काम, होगा मेरे दफ़्तर का नाम,
प्यारे लोग समझो आप, काम करो सिर्फ़ छोड़ो बकवास.
कुणाल कुमार
क्या बात!क्या बात!क्या बात
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Bahut khoob
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Thanks
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