समझ नहीं आता, तेरी समझ का,
छोड़ चली क्यू, तुम भूल कर मुझे,
मुझे समझ नहीं आता, कभी टूटा मैं,
यू छोड़ने पे, या मेरे प्यार को तोड़ने पे,
समझ नहीं आता, क्यों शक था मुझपे,
मेरा निश्चल प्यार, क्यों गंदा लगा तुझे,
एक बात बात समझ ज़रा, शक भूल करो प्यार,
समझो ज़रा मुझे, बना साथी अपने जीवन का.
सदा साथ निभाऊँगा, जीवन के संग,
एक दोस्त, एक प्रेमी, एक देवी समान,
तुम बनो मेरी इज़्ज़त, हो तुम मेरी सम्मान,
मेरी आँखो की रोशनी, दिखा दो मुझे संसार.
कुणाल कुमार