सोचूँ क्यों फिसल गया, मैं तेरे प्यार में,
एक पल का प्यार, कुछ पल का इकरार,
वो हसीन लम्हे, जब साथ थी तुम मेरे,
तेरे जाने का वो पल, जी रहा याद में,
सच्चाई भरे वो पल, थे क्या सच्चे? थे क्या झूठे?
मैंने दिल से प्यार किया, निभाया क्यों नहीं तुमने?
एक बार ज़रा बोल दो, दिल का दरवाजा खोल दो,
बता दो क्या लम्हे झूठे, दिल से किए हर वादे खोटे,
जी लूँगा पल जीवन के, सच्चाई लिए दिल में,
मैं झूठा था नहीं, अब तेरी झूठ अपने संग लिए.
कुणाल कुमार