मैंने पढ़ी देश कि इतिहास, सत्ता के साथ है बदलते भाव,
सत्ता के गलियारे में लोग, है वो थामे इतिहास के डोर,
अपनी मर्ज़ी की इतिहास दिखा, सबको वो पप्पू बनाए,
कभी सच्चाई को चुना लगाई, कभी झूट को आगे बढ़ाई,
कभी सावरकर वीर हुए, कभी सावरकर को बनाए अनिष्ट,
कभी करे अकबर की गान, कभी घटाए शिवाजी को शान,
जनता को अब है सारा ज्ञान, नेता जो है उनके पप्पू समान,
बनाए इतिहास गढ़े अपनी शान, एक वर्ग को बनाए महान.
कुणाल कुमार