ज़िंदगी गुनगुना रही, इक नयी धुन सुना रही,
जीने की राह बता, मुझे मंजिल दिखा रही,
मेरे ख़्वाबों की ये दुनिया, बन ख़्वाब ही रह जाते,
अगर कोशिश ना की, ख़्वाब हक़ीक़त ना बन पाते,
क्या रखा है जीवन में, अगर ख़्वाब अधूरे रहे अधूरे,
जीवन एक मिली है सबको, जी लो अपनी ज़िंदगी,
कर अपना ख़्वाब को पूरा, ना छोड़ तुम इसे अधूरा,
खुद को कर बुलंद इतना, की हर ख़्वाब हो जाए पूरा,
ज़िंदगी अजब सी पहलु है ये, ले रही सदा ही मेरा इंतिहान,
कभी ख़ुशी से नयन छलक जाए, कभी दर्द भरे अश्रु निकल आए.
कुणाल कुमार
Nice expression.
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Thanks 🙏
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