क्या कभी सोचा था, कभी छोड़ जाओगी तुम मेरा साथ,
हर लम्हे को संजो रखा, कोई चुरा ना सकेगा मेरा याद,
मेरे हर लम्हे में जो बसी हो तुम, लू हर साँस बस तेरे नाम,
क्या सूरज भूल सकता है, उदय होना है बस उसका काम,
चाँद देख अब लगता है, मेरी हर ख़ुशी का हो रहा है सूर्यास्त,
उदय ना होगा ख़ुशियों का सूरज, जब ख़ुशियों का छूटा साथ,
नया साल मुबारक हो तुमको, मिले तुमको अपनों का साथ,
यही तम्मना है मेरे दिल की, दे रहा मुबारकबाद मेरा याद तुमको,
कुणाल कुमार