ऐ मेरी ज़िंदगी, हो तुझे मुबारक तेरी हर खुशी,
मेरे पास तुझे देने को मेरे अलावा अब कुछ नहीं,
क्या खुद को मिटा कर, ख़ुशियाँ तेरी लौटा सकता,
अगर हाँ ये हैं सही, तो हंसकर मिटने को तयार हूँ मैं,
तेरी हर सोच को हैं मेरी नमन, हंश कर सह लूँगा अब,
मेरी जीवन जीने की ये सजा, बिना खुशी तेरे बिन,
ना कुछ बोलना अब, ना ही कुछ सुनना बचा हैं अभी,
आज मैं चला खुद को मिटा कर, लौटाने तेरी हर खुशी.
कुणाल कुमार
Nice sir.. 👌👌
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