तेरी यादों से बनी मेरी पहचान, बन मेरी परछाई,
साथ निभा रही मेरा, जब तक शरीर में हैं जान,
जैसे परछाई को जुदा ना कर पाए कोई मुझसे,
तेरी यादें दे रही साथ, बन मेरा हमसफ़र हमराही,
इक इक्षा बची हैं दिल में, तेरी यादें ना हो तेरी जैसी,
खुद की समझ से ना रखे, ना जुदा हो वो मुझसे कभी,
यही गुज़ारिश मेरे रब से हैं, ना जुदा करे मेरी परछाई मुझसे,
घनघोर अंधेरा हो फिरभी, ना डरूँ अगर संग हो मेरी परछाई,
मेरी हर सांसो में बसी, मेरी हर बातों में बसी,
मेरी हर सोच में बसी, मेरी हर खवाईश में बसी,
ये हैं मेरी परछाई, तेरी यादों से भरी मेरी अपनी यादें,
बने मेरे जीने का सहरा, इसके बिना अब जीना ना गवारा.
कुणाल कुमार
Wonderful 👏
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