उफ़्फ़ तेरी सादगी, तेरा ये जीने का अन्दाज़,
ग़म लिए दिल में, चेहरे पे सजी है तेरे मुस्कान,
उलझी हुई ज़िंदगी, सुलझाने का तेरा प्रयास,
इक अनोखी सी कसक, दिखती तेरे चेहरे पे,
तेरे ये नयनों की मासूमियत, अन्दाज़ बेफ़िक्री भरी,
जैसे मासूम सा कोई बच्चा, ले रहा हों किलकारी,
तेरी ये हँशी, जैसे अमावस में खिली हो चाँदनी,
राही को दिखाती जीने की राह, भूले को मंजिल.
कुणाल कुमार
बहुत सुंदर
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धन्याबाद
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वाह! ये रचना मेरे मन को भा गई।
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धन्यवाद
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Hello I nominate you for Bee Love award
http://harinapandya.com/2020/01/28/bee-love-award/
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What is this.. let me check 😊
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Yes sure..go through it☺️👍
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Lovely lines.
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Thanks
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