मोहब्बत मेरी पहचान, इसी में हैं मेरी ख़ुशी,
मोहब्बत को दिल दिया, सोचने का नहीं ये काम,
अच्छा बुरा सोच कर, मोहब्बत नहीं करते लोग,
ये तो इक एहसास हैं, इसे सिर्फ़ महसूस करते है,
मोहब्बत हैं दो रूहों का मिलन, सोच नहीं करते,
ये तो फ़ैसला रूह करते, मोहब्बत तो दो दिल करते,
दूसरे की ख़ुशी बरदास्त नहीं, इस ख़ुदगर्ज़ जमाने को,
अपनी ख़ुशी तू खुद तय कर, लोगों पे मत छोड़ अपनी ख़ुशी.
के.के.
बिलकुल सच कहा।
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