तारीफ़ करूँ दिल से तुम्हारी,
जान बन गयी हो तुम हमारी,
तुम्हें पता क्या है ख़ुशी मेरी,
दिल के आईने में तुम हो मेरी,
सादगी तुम्हारी मुझे भा गयी,
तुम पसंद बनकर दिल पे छा गयी,
तुम मुझे पहली नज़र में भा गयी,
क्या तुम नहीं बन सकती हो मेरी,
मुझे तुझ पर कभी ग़ुस्सा नहीं आता,
तेरी हर हरकतें मुझे बहुत भाता,
तुम हो सुबह से सुबह बस मेरी,
क्योंकि तुम बन गयी हो जान मेरी,
मेरा जीवन है तेरे नाम,
लो आज कर दी मैंने,
तुम बन अब बस जान मेरी,
ना जुदा हो कभी तुम कभी मुझसे.
के.के.