प्यार की हद से ज़्यादा, चाहा मैं तुझको,
ना थी कोई ऐसी घड़ी, जब थी दूर तुम मुझसे,
मेरी यादों में बस कर, क्यों गयी तुम दूर मुझसे,
इक सपना था दिल में, साथ जीना था तेरे,
पर कैसा है नसीब मेरा, जो तुम छोड़ चली मुझे,
मैंने तो हाल ए दिल, बयान किया है तुझे,
पर क्या करूँ मैं, ना जगा पाया चाहत दिल में तेरे,
तेरे प्यार हो में मजबूर, किया स्वीकार तेरा हर तिरस्कार,
तेरे हर ग़ुस्सा में, दिखी प्यार मेरे इस बेचारे दिल को,
तेरी हर तेरे हर तिरस्कार में मिले, मुझे मेरी हर ख़ुशी,
ये सिर्फ़ बता मुझे, क्या प्यार मेरे लिए दिल में थी कभी.
के.के.