अजीब सी हैं, मेरी ये मन मर्ज़ी,
कभी मुझे ये रुलाती, कभी हैं हँसाती,
छोटी सी जो बातें, कभी दिल को चुभ हैं जाती,
यही मुझे कभी हँसाती, देती जी भर के ख़ुशी,
सकारात्मक सोच लिए, दिल मैं मेरे बसी हैं जो ख़ुशी,
नकारात्मक सोच को छोड़, जी रहा हूँ अपनी ज़िंदगी,
जाने अनजाने में कभी, अगर हुई कोई भूल कभी,
माफ़ी माँग बढ़ चला, भूल कर वो भूल जो हुई,
छोटी से हैं ये ज़िंदगी, समय नहीं हैं संताप की,
खोज लूँगा वो पल भी, जिस पल मिले मुझे हर ख़ुशी.
के.के.