आँशुओ को पोंछ कर मैं चुप चाप हूँ खड़ा,
सोच रहा क्या इतना निष्ठुर हैं ये दिल तेरा,
मेरा दिल धड़क रहा लिए नाम तेरा हर साँस,
तुमसे क्या उम्मीद रखूँ जो प्यार नही की तुम मुझसे,
पर देखो तुम व्यथा मेरी दिया आज तुम्हें मैंने वचन,
ख़ुश रहो तुम अपनों के संग ना बताऊँगा तुम्हें कभी अपना प्यार,
इस वचन को दे तुझे दिया साथ मैंने अपना प्राण,
याद रखोगी तुम सदा की मैंने तुझे दी ख़ुशी छिपा ग़म मेरे दिल,
अब देखते है कितना दिन धड़कता है ये दिल बिना अपने धड़कन,
जो होना हैं उसे अब ना बादल पाओगी कभी चाह कर तुम,
ख़त्म हो गयी मेरी सारी इक्षाए तुझे पाने की हर उम्मीद,
जो तेरे अहम को पार ना पाया, हार गयी मेरी सारी आशाएँ.
के.के.
Prayaas sundar hai , lagta hai maano man kee bat hee kehna chahte hain!
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😊
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