जब से देखा हूँ तुझे, खुद को भूल गया,
तेरी याद पलकों पे बैठा, जीना सिख गया,
धन्य है मेरे भाग्य, जिसने तुझसे मुझे मिलाया,
मुझे मेरी इस ज़िंदगी जीने का मक़सद मिल गया,
खुद को आईने में देखूँ तो मुझे तू नज़र आए,
मुझ सा बदसूरत भी अब खूबसूरत नज़र आए,
यू बावरा सा दिखने लगा जैसे कोई बिखरा इंसान,
अकेले तेरी याद में यू ही कभी हँसता तो कभी रो लेता हूँ,
अच्छा लगा तेरा ये तोहफ़ा, जो बदल दिया तुमने मुझे,
मेरे ज़िंदगी की उदासीनता में बड़े शालीनता से ख़ुशी भर दी,
मेरे मन की करवाहट में अपनी मधुरता घोल दी तुमने,
मेरे वीरान ज़िंदगी को ख़ुशहाली का मार्ग दिखा गयी तुमने,
धन्य हैं तेरे अपने जिन्हें मिले सदा तेरा साथ,
इक अनमोल हीरा मिला बस सम्भालना हैं उनका काम,
ख़ुश रहो तुम हमेशा रहे ख़ुश तेरे अपने,
अगर पलट कर देखने का हो मन, पास पाओगी तुम मुझे.
के.के.
अच्छा लगा ये तौफा
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