निर्मम प्यारी सी है आपकी ये हँसी,
ना कुछ मैल दिल में चेहरे पे है ख़ुशी,
अच्छी लगती है आपकी प्यारी नयन,
जैसे चंचल हिरन करे वन में विचरण,
चेहरे की चमक जैसे चंचल चाँदनी की पहली किरण,
देखी आपकी घनी खुली ज़ुल्फ़ें, मैं उलझता चला गया,
पर मुझे सबसे अच्छी लगी, आपका निश्चल सा स्वभाव,
ना कोई कपट आपके मन में, ना मन में रखे कोई द्वेष भाव,
आप रहो ख़ुश ऐसे ही, कोई दुःख आपको छू ना सके,
ना ग्रहण लगे कभी आपकी ख़ुशी को, यू खिलती रहे आप,
आपकी सुंदरता देखने को हैं, स्वभाव महसूस करने के लिए,
आप है सौंदर्यता में परिपूर्ण, स्वभाव मे हो आप सम्पूर्ण,
लिखने को बहुत कुछ, मन करे लिखता ही रहूँ,
पर शब्द कम पर जाते हैं, कैसे बयान करूँ इस ख़ूबशूरती का,
शायद मुझे आपकी दीदार के लिए इंतज़ार करना परे सात दिन,
या नसीब होगी अच्छी तो यू ही राह में मुलाक़ात होगी.
के.के.
बहुत सुंदर प्रस्तुति है। ह्रदय से आपका धन्यवाद
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धन्यवाद
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