शायद तुम ही हो मेरी पहचान,
इसीलिए तो हूँ मैं थोड़ा परेशान,
क्योंकि तुम्हें नहीं हैं मेरी पहचान,
पर तेरा दिल क्यों ना चाहे मेरा साथ,
सुबह शाम मेरा तुम ही हो,
सच्चा दिल मेरा रोए तेरे लिए,
यूँ ना मुझे भूल जाओ तुम,
क्योंकि तुम हो मेरी पहचान,
शायद के भरोसे जीवन काट रहा,
शायद तुम समझोगी मेरा प्यार,
शायद कभी करोगी मुझसे प्यार,
शायद मैं कभी बनु तेरी हर ख़ुशी,
मुझे मालूम हैं मैं सपनों जी रहा,
सपना जो ना कभी बनेगा अपना,
पर मुझे प्यार है मेरे सपना से,
क्योंकि ये हैं मेरी पहचान.
के.के
Kehte hain hai pyaar kaa Rishta janam ka Rishta…
Hain Janam kaa jo ye Rishta Toh badalta kyon hai….!!
LikeLiked by 1 person
वाह क्या बात हैं
LikeLike