खुद की सोच को तुम इतना ऊँचा करो,
क़द बौना सा लगे तेरे इस सोच के आगे,
प्यार इतना भरो अपने इस दिल में,
की इंकार भी तुम्हें प्यारा सा लगे,
करो तुम वो काम जहाँ दिल लगे हैं तेरा,
सच्चाई मे बसी हों हर घड़ी तेरा,
चाहे कष्ट हो कितना तेरे पथ पे,
अपने मंजिल को पना ही लक्ष्य हो तेरा,
अपना समझ अपना लो खुद को,
बस करो तुम प्यार और सिर्फ़ प्यार,
अपना लो उसे चाहे खुशी मिले या ग़म,
जुदाई के ग़म को भी अपना बना लो,
सोच को तुम ऊँचा कर लो क़द से,
हर दर्द को तुम दवा लो अपने दिल में,
पाना ही नही सबकुछ जीवन में,
खोकर उसके लिए जीना हैं सबकुछ.
के.के