लाल गुलाबी नीले पीले आज रंगो का मेला हैं,
फिर भी क्यों ये मेरा दिल मायूस सा अकेला हैं,
तेरा साथ जो ना मिले तो हर रंग हैं फीका यहाँ,
मुझे तो जीवन जीने का रंग भी तुम्हीं से हैं मिला,
बच्चे बूढ़े आज मनाए होली का त्योहार यहाँ,
रंग गुलाल के संग खेले होली मिल जुल हम,
दिल की कटुता को भूल आज गले मिल ले हम,
प्रेम भाव भरा इक प्यार सा समाज बनाए हम,
चलो भूल जाते है हम दर्द सारे दिल के आज के दिन,
नयी सोच के साथ जीवन चित्र में रंग विरंगे ख़ुशी भर दे,
हँसी ख़ुशी को मिला इक नया मधुर सा व्यंजन बनाए,
चलो जीवन में मधुरता भर ख़ुशी के पैमाना को छलकाए.
के.के.