ख़ुशियों का त्योहार होली लोग गले मिलते हैं,
प्यार के रंग की बौछार यहाँ बच्चे बड़े करते हैं,
जैसे अनेक रंग घुल मिल कर बन जाते है एक,
वैसे ही प्यार के रंग में घुल हम बन जाते हैं एक,
सारे मैल धूल जाते है रंगो की बौछार में,
गले मिलर भूल जाते है हम गिले सारे दिल के,
प्यार भी खिल जाते है बन लाल गुलाबी नीले,
प्रेमी भी हर शिकवा मिटा देते बन जाते हैं रंगीले,
अच्छे अच्छे व्यंजन आज बनाती माताएँ,
बच्चे यहाँ ख़ुश हो खाते व्यंजन ढेर सारे,
प्रेमी आज प्रेम करते यहाँ खुलकर आज ढेर सारे,
रंग उनकी पहचान छुपा सिखाती उन्हें प्रेम की भाषा.
के.के.