ओ मेरी ज़िंदगी तुमसे एक गुज़ारिश हैं मेरी,
अपने प्यार का अहसास दिल में ही रहने दो,
अपने हर दर्द को तुम सम्भाल लो अब खुद में,
इसके अहसास को ना छलकने दो अपने लब पे,
चाहे जुदाई का दर्द कितना भी हो दिल में,
तुम्हारे चेहरे पर ना आ पाए उदासी का साया,
क्योंकि तुम्हारे खुशी में हैं उसकी ज़िंदगी,
तुम्हारा उदास होकर ख़ुश दिखना हैं ज़रूरी,
शायद इसका ही दूसरा नाम को कहते हैं ज़िंदगी,
खुश दिखो तुम चाहे दिल में हो तुम्हारे दर्द ढेर सारा,
कुछ ही लोग ये दर्द को शायद समझ सकते हैं,
बाक़ी तो यहाँ सारे ही ख़ुदगर्ज़ सर्द दिल वाले हैं.
के.के.