कौन सच है और कौन हैं यहाँ झूठा,
क्यों मतलबी हैं सारी दुनिया, सोचे सिर्फ़ अपना अपना,
शायद समझ की हैं कमी उनमें या ख़ुदगर्ज़ी हैं सबमें भरी,
शायद ये झूठी दुनिया ही हैं जीवन जीने का सत्य,
उलझन में यहाँ फँसे हैं सारे,
लिए मन में सिर्फ़ अपने लिए सोच,
प्यार भरे सच्चे दिल को कौन पूछे,
क्योंकि यहाँ तो सबको अपनी अपनी पड़ी हैं,
जाने क्यों इंसान नफ़रत लिए दिल,
भूल बैठे हैं वो प्यार का मूल्य,
यहाँ तो झूठ की कही सब सुनते,
सच्चाई तो सभी गए भूल यहाँ।
कुणाल कुमार
Insta: @madhu.kosh
Telegram: https://t.me/madhukosh
Website: https://madhukosh.com