तुम कहाँ हो,
ज़रा बता हो दो मुझे भी,
क्यों कतरा रही हो तुम खुदसे,
जैसे कभी प्यार नहीं की तुम मुझसे।
क्या तुम्हारा प्यार हैं इतना कच्चा,
जो कुछ लोगों के कहने से टूट कर बिखर जाए,
मैंने तो साथ बीते हर लम्हे को विश्वास के साथ पिरोया था,
पर धागे के टूटने के साथ प्यार पे मेरा विश्वास बिखर गया।
कुछ कहना था आज मुझे तुमसे,
क्या सुन सकती हो तुम अपने दिल से,
रिश्ता बनाना और तोड़ना हो सकता है आसान,
पर रिश्ते को निभाना ही हैं सच्चे इंसान कि काम।
कुणाल कुमार
Insta: @madhu.kosh