कुछ लम्हे यादों में,
मीठी सी अहसास छोड़ जाते है,
जो आपके अपने ना होते हैं,
वो भी यादों के पन्ने पे अपने बन जाते है,
शायद चंद लम्हे,
यादों के पन्ने में लिया है खुद को सहेज,
मैंने उन बीते हुए लम्हों को शब्दों में पिरो,
आपके अस्तित्व को किया मैंने खुद में समावेश।
कभी आपको भी याद आएगा,
उन लम्हे की जब थी मेरे साथ,
पर मैं ख़ुश हूँ की मैंने कड़वाहट नहीं छोड़ी आपके दिल,
अब आपके यादें में तो लिखे होंगे अच्छे पल मेरे नाम।
प्यार का उद्देश्य पाना नहीं,
निभाना होता है दिल के क़रीब लम्हों में प्यार भर,
क्योंकि पाने की चाहत तो सबमें होती हैं,
पर निभाने की ताक़त सिर्फ़ अपनों में होती हैं।
कुणाल कुमार