साथ…
साथ रहना,
शायद साथ नहीं होता,
जैसे कभी कभी याद करना,
प्यार नहीं होता।
जब हर घड़ी सोच को,
दिल से दस्तक मिले,
तभी सच्चे प्यार को,
दिल से जीने का साथ मिले।
शायद तुम्हारे लिए,
अब मेरा साथ ना मिले,
बस अब तुम हो सिर्फ़ मेरे याद के लिए,
पर ये प्यार हैं बस अब सिर्फ़ मेरे लिए।
रहो तुम ख़ुश ऐसी कामना हैं मेरी,
दिवाली पर्व की ढेर सारी शुभकामनाएँ है मेरी,
मिले तुम्हें ख़ुशियाँ जमाने की,
और मुझे भूल जीने की साहस तुम्हें मिले।
कुणाल कुमार
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