उन ज़ख्मों को आप ना याद दिलाइए,
जिन ज़ख्मों में बसा हुआ है आपकी तस्वीर,
अब तो इन ज़ख्मों के सहारे मैं,
अपने प्यार को यादों में बदल रहा हूँ।
भूल सकता हूँ एक बार आपको,
पर भूल नहीं सकता आपके कहे वो बोल,
पहले मेरे प्यार को स्वीकार किया आपने,
फिर आपने मेरे अस्तित्व को इंकार भी किया।
शायद अब मुझे दर्द सहने की,
आदत सी पर गयी हैं,
क्योंकि इस दर्द में मुझे,
तुम्हारी अक्स दिखती हैं।
कुणाल कुमार
Insta: @madhu.kosh
Telegram: https://t.me/madhukosh
Website: https://madhukosh.com