सोचता हूँ कभी कभी,
कर लूँ प्यार एक बार फिर,
शायद मिल जाए मुझे भी कही,
जिसके दिल में धड़के प्यार मेरे लिए।
चाहत हैं ख़ुशियाँ फिर से मेरे कदम चूमे,
मेरी चाहत प्यार बनकर तेरी बाँहों में मेरी फिर से झूले,
देखता हूँ सपना और जीता हूँ बस तेरे प्यार में,
पर तेरा सपना देखना क्या मना हैं मेरे लिए।
बस एक कमी है मुझमें,
लो आज बता देता हूँ मैं तुम्हें,
चाहत तो हैं दिल में सिर्फ़ तेरे लिए,
पर विश्वास नहीं हैं तुम्हारे कहे गए बात पे।
कुणाल कुमार
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Kya baat
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Thanks Madam.
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