माँ…

सुबह हुई जब आँख खुली,
सुनी माँ की बोल तन्मयता घुली,
प्यार के चाशनी में था डूबा,
हर बोल था सुखद अनूठा।

माँ का दुलार,
आँखों में है बच्चों के लिए प्यार,
हर कष्ट उठाती हंसते हंसते,
ताकि बच्चे की परवरिश हो सके अच्छें।

माँ तुम्हारी कही हर बात,
अच्छें परवरिश की है शुरुआत,
आज भी कभी होती है दुविधा,
याद आता है तुम्हारा शिक्षा हर बार।

वैसे तो लोग आज,
आपके लिए दिन मनाते है,
पर माँ तुम्हारा दिया प्यार,
हर दिन मुझे याद आते हैं।

Happy Mothers Day.

कुणाल कुमार

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